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जनवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

SAHARA INDIA SCAM.🤯 सुब्रत रॉय का पतन 2400 करोड़ का घोटाला ||

 1. 1978 में सिर्फ ₹2000 से शुरुआत करने वाली सहारा कंपनी देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी हुआ करती थी जिसके 1100000 से भी ज्यादा कर्मचारी थे लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि  और वो रुपया का साम्राज्य खड़ा करने वाले सुब्रत रॉय सलाखों के पीछे पहुंच गया और क्या है सहारा स्कीम जिसने देश के 13 करोड़ लोग यानी कि भारत के लगभग 11% आबादी के साथ धोखा किया।  2. सहारा के बारे में कहा जाता है यह एक ऐसी  कंपनी थी जो इंडियन रेलवे के बाद इंडिया में सबसे ज्यादा लोगो को रोजगार देती थी और इस  कंपनी के शुरुआत हुई गोरखपुर के एक छोटे से जगह से Starting में सहारा के मालिक सुब्रत राय सहारा अपने स्कूटर और स्नैक्स बेचने का काम किया करते थे और उसी काम को करने के दौरान उनकी जान पहचान कुछ छोटे दुकानदारों गरीब तख्त के लोग और चाय या सब्जी बेचने वाले से हुई और उन्होंने देखा कि कैसे यह लोग हर दिन जो भी पैसा कमाते है। 3. वह सारा खर्च हो जाता है और इनके लिए कम  रुपए में रहना कितना मुश्किल है और फिर इन्हीं लोगों को सहारा देने के लिए सहारा कंपनी की न्यू रखी गई इस कंपनी ने लोगों को सुझाव दिया कि हर रो...

[Harshad Mehta] की ये सच्चाई Life Story| SCAM 1992

1.   हर्षद मेहता को शेयर मार्केट का बादशाह कहा जाता था। हर्षद मेहता जी सर पर हाथ रख देता था वह शेयर आसमान छूने लगता था लोग उस पर भरोसा करते थे और उसकी देखा देखी शेयर खरीद को मुनाफा कमाते थे लेकिन यह बाद में पता चला कि यह बंदा तो बहुत बड़ा घोटालेबाज है और वह जब घोटाले करते वक्त पकड़ा गया तो उसने सीधे तत्कालीन प्रधानमंत्री पर रुपए लेने का आरोप लगा दिया उस समय के तत्कालीन सरकार ने उसके इस आरोप का खंडन किया लेकिन प्रधानमंत्री की तरफ से उस पर कोई भी केस नहीं किया गया। परिचय :- हर्षद मेहता का जन्म गुजरात के राजकोट में हुआ शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी राजकोट में ही हुई इसके बाद  छत्तीसगढ़ के रायपुर  चला गया और आकर उसने पढ़ाई लिखाई की फिर मुंबई आया और मुंबई से कॉमर्स (Commerce) में ग्रेजुएशन पूरा (Complete) किया अपने करियर की शुरुआत उसने एक बीमा कंपनी में काम किया। और उस काम को भी छोड़ दिया उसने अपनी खुद की कंपनी शुरू की थी।  2.वह दौर था जब भारत में सरकार अपनी आर्थिक नीतियां बदल रही थी साल 1992 में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री हुआ करते थे जबकि पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे सर...

अमीर खुसरो का दोहा।

 1. गोरी सोते सेज पर, मुख पर डाले केश  चल खुसरू घर अपने,रैन भई चहुं देश। सन्दर्भ ‌‌‌‌:- प्रस्तुत दोहा अमीर खुसरो द्वारा संचालित हैं। प्रसंग - जब अमीर खुसरो दिल्ली में नहीं थें तब उनके गरू हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया ने अपना शरीर त्याग दिया। हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया ने अपने चेलों से कहा कि खुसरो से कहें कि वह यहां न आए और उनकी कब्र को छुएं भी नहीं। अगर ऐसा होगा, तो उन्हें अल्लाह के हुक्म की नजरंदाज करना होगा। अल्लाह की कब्र से दूर भी रखी।  उन्होंने तभी यह लिखा-  व्याख्या :- खुसरो कहते हैं कि जीवात्मा परमात्मा में मिल गयी है। ऐसा लगता है कि कोई नायिका सुख की सेज पर सो रही है, उसने अपने बालों को मुख पर फैला रखा है। (अर्थात खुसरो के गुरु ने मृत्युशैय्या पर बालों को फैलाकर मुंह ढक लिया है) अपने पति के साथ आनन्द ले रही हैं। खुसरो अपने मन में कहते हैं कि हमारा भी अब समय आगया है, हमें भी अपने परमात्मा में समाहित होना है। मृत्यु के पास जाना पड़ेगा, किसी भी दिन ऊपर वाले का बुलावा आता होगा।  

Charles-Augustin de coulomb कोन है।

 Charles Augustin de coulomb का जन्म 14 Jun , सन् 1736 ई॰ में ( Angouleme) , फ़्रांस में हुआ था। सन् 1785 ई॰ में उन्होंने वैधत बल के लिए व्युत्क्रम वर्ग के नियम की खोज की जिसे आज हम कूलाम का नियम कहते हैं। कूलाम ने समान एवं असमान चुम्बकीय ध्रुवो के बिच लगने वाले बल के व्युत्क्रम वर्ग के नियम की भी खोज की।  कूलाम की मृत्यु 70 वर्ष की आयु  में 23August ,  सन् 1806 ई॰ में पेरिस (फ्रांस) में हुई।