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 भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को जारी किया गया "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020" भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार है। यह नीति पिछले शिक्षा नीतियों को बदलकर एक नई, संरचित, एवं विशेषता से भरी नीति है, जिसका उद्देश्य भारत के शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना है। इसमें कई महत्वपूर्ण प्रासंगिक मुद्दे हैं।


मुख्य बिन्दुओं में शामिल हैं:

1. संभावितता: नीति के मुख्य उद्देश्यों में से एक है एक संभावितता प्रस्तुत करना कि सभी बच्चे बुनियादी शिक्षा का समान अधिकार रखते हैं और उन्हें उनके रूचियों और अभिरुचियों के अनुसार आगे के अध्ययन का चयन करने की सुविधा मिले।

2. बुनियादी शिक्षा: नीति ने बुनियादी शिक्षा को महत्वपूर्णता देने का लक्ष्य रखा है और इसे 3 वर्षीय प्राथमिक शिक्षा के रूप में प्रारंभ करने का सुझाव दिया है।

3. संरचनात्मक परिवर्तन: नीति के अनुसार, शिक्षा प्रणाली में संरचनात्मक परिवर्तन की जरूरत है जो योजना, पाठ्यक्रम, और अध्ययन के तरीकों में बदलाव के माध्यम से होगा।



4. भाषा: नीति में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का भी उद्देश्य है और स्थानीय भाषाओं में शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया है।

5. बिना बोर्ड परीक्षा के पढ़ाई: नीति ने बिना बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाई करने की सलाह दी है, जिससे उन्हें रटने की ज़रूरत नहीं होगी और अधिक अभिवृद्धि और समझदारी के अवसर मिलेंगे।

6. शिक्षकों की प्रशिक्षण: नीति में शिक्षकों की उच्चतर शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन दिया गया है, ताकि वे अद्यतित ज्ञान और नवीनतम शिक्षा तकनीकों के साथ बेहतर सिखाने के लिए तैयार हो सकें।

7. उच्च शिक्षा में सुधार: नीति ने उच्च शिक्षा में भी कई सुधार किए हैं, जैसे कि अनुसंधान और विश्वविद्यालयों के गठन के लिए नए अनुसंधान संस्थानों का उद्घाटन।

8. नौकरी कौशल विकास:



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